प्यारे साथियों,
आपको मेरा प्रणाम !
सर, मुझे माउंट एवरेस्ट चढ़ना है | मैं क्या करूँ ? – मुझसे बहुत से दोस्त ये सवाल करते हैं, तो सोचा क्यों न इसका विस्तृत जवाब दूँ |
आपको बताना चाहूंगा कि पर्वतारोहण एक साहसिक खेल है | साहसिक खेल (एडवेंचर स्पोर्ट्स) वो होते हैं जिसमें जान का खतरा; हो सकता है | ऐसे खेलों में शारीरिक और मानसिक मजबूती दोनों चाहिए | जीवन में एक बार माउंट एवरेस्ट चढ़ने की चाहत हर किसी की होती है | आप सभी की जिज्ञासा को शांत करते हुए यह बताना चाहूँगा कि जैसे विद्यार्थियों के लिए यूपीएससी एग्जाम होता है, खिलाडियों के लिए ओलंपिक्स होता है, वैसे ही पर्वतारोहियों के लिए मॉउंट एवेरेस्ट है | यह पर्वतारोहियों के जीवन का सपना और लक्ष्य होता है | इसलिए माउंट एवेरेस्ट चढ़ने और फ़तेह करने से पहले पर्वतारोहण और उसकी बारीकियों को समझना जरुरी है |
मेरा सौ प्रतिशत मानना है कि –
एक अच्छा पर्वतारोही कभी भी एवरेस्ट चढ़ सकता है पर मात्र एवरेस्ट चढ़कर एक अच्छा पर्वतारोही नहीं बना जा सकता”
आज के इस कमर्शियल दौर में एवेरेस्ट चढाने के लिए बहुत प्रलोभन भरे ऑफर हैं और बहुत सी कम्पनी इसमें निपुण हैं| यदि आप बारीकी से इसे देखेंगे तो पता चलेगा कि इसमें किसी भी कम्पनी का नुकसान नहीं है | पर्वतारोहण की जानकारी और ज्ञान के आभाव में, यदि किसी तरह आप चढ़ भी गए तो कम्पनी वाले वाहवाही लूट लेंगे और यदि कुछ अप्रिय घटना घटित हुई तो जिम्मेदारी आपकी स्वयं की होगी | एवरेस्ट ऐसा पर्वत है जहाँ महत्वकांक्षाएं; अति में कब बदल जाती हैं, पता ही नहीं चलता |
एवरेस्ट चढ़ना पर्वतारोहण का अंग है | इसलिए माउंट एवरेस्ट चढ़ने वाले हर मित्र को पहले पर्वतारोहण के कोर्स करके ज्ञान लेना चाहिए और फिर एवरेस्ट आरोहण के बारे में सोचना चाहिए | आप सबसे पहले पर्वतारोहण के बेसिक माउंटेनियरिंग कोर्स (Basic Mountaineering Course) और एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स (Advance Mountaineering Course) करिये | भारत में कई ऐसे पर्वतारोहण संस्थान हैं जहाँ से आप ट्रेनिंग ले सकते हैं | यह हर एक कोर्स लगभग एक महीने के होते हैं | कोर्स की फीस 10000 से 15000 के बीच होती है | हर इंस्टिट्यूट के अलग नियम हैं पर मूल कार्य प्रणाली लगभग एक सामान है | मैं मनाली स्थित अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान का अलुमिनी हूँ इसलिए सबसे पहले इसका नाम लूँगा । अपने ख़ुद के इंस्टिट्यूट का सोचकर मन में फ़ील गुड फ़ैक्टर तो आ ही जाता है।
इसके अलावा, कुछ और भी संस्थान हैं जहाँ से आप कोर्स कर सकते हैं जैसे NIM उत्तरकाशी, HMI दार्जीलिंग इत्यादि | इन सभी पर्वतारोहण संस्थानों ने पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है और यहाँ के पर्वतारोहियों ने पूरी दुनिया के पर्वतों की सफलतापूर्वक चढ़ाई की है | इन संस्थानों की जानकारी का उल्लेख नीचे है और वेबसाइट की लिंक भी मेंशन है | इनकी जानकारी आपको गूगल में भी मिल जाएगी | आप एडमिशन ले लें इन कोर्स में और लुत्फ़ उठाएँ एडवेंचर और प्रकृति का | कोर्स में एडमिशन के लिए एक से दो साल का वेटिंग टाइम भी हो सकता है | आवेदन फॉर्म के साथ अपना मेडिकल सर्टिफिकेट भी जरूर संलग्न करें |
बेसिक और एडवांस कोर्स A ग्रेड से पूर्ण करने के बाद, पर्वतों का आरोहण करें | पर्वतारोहण में करियर बनाने वालों को Method of Instruction कोर्स भी करना चाहिए ।अपने अनुभवों को बेहतर बनाने और एवरेस्ट के लिए तैयार होने के लिए कम से कम, चार-पाँच पर्वत शिखर जो कि 6000 मीटर (20000 फ़ीट) से ऊँचें हो, उन्हें स्वयं की क़ाबलियत से बिना किसी बाहरी सपोर्ट के चढें |
अमूमन लोगों में यह भ्रांति होती है कि एवरेस्ट चढ़ना आजकल आसान हो गया है, बस आप के पास मोती रक़म हो। पैसों के दम पर आप सुविधाएँ ख़रीद सकते हैं पर चढ़ना तो स्वयं के पैरों से है और खुद का दिमाग़ लगा लगाना है। नए नए रंगरूटों को लगता है कि हमने पैसे तो दिए हैं कम्पनी को, कुछ बिगाड़ गया तो शेरपा हमें उठा लाएँगे। शेरपा के अंदर हनुमान जी की कोई शक्ति नहीं होती, जो आपको कन्धे में उठा कर, आपको पहाड़ से नीचे ले आए। पहाड़ी क्षेत्र का होने के कारण, शेरपाओं के लंग्स की शक्ति बढ़ जाती है और उनको कम ऑक्सिजन वाले क्षेत्र में उतनी समस्या नहीं होती जितना समुद्र तल से आए हुए लोगों को होती है। पर इसका क़तई ये मतलब नहीं कि उनको पहाड़ों में समस्या नहीं होती। वो भी बीमार पड़ते हैं, थकते हैं और कई बार इस जोखिमपूर्ण कार्य में जान तक गवाँ देते हैं। इस लिए मैं सभी को ये सुझाव देता हु कि यदि आपको एवेरेस्ट चढ़ना है या पर्वतारोहण करना है, तो पहले अपनी शारीरिक क्षमता बढ़ाएँ। नीचे सिए गए किसी भी इंस्टीट्यूट से पर्वतारोहण का तकनीकी ज्ञान प्राप्त करें, फिर एवेरेस्ट या किसी दूसरे पर्वत पर आरोहण की दिशा में आगे बढ़ें। इसके बाद से ना केवल आपका ज्ञान और मनोबल उँचा रहता है बल्कि आप एक प्रोफेशनल पर्वतारोही भी बन जाते हैं | आशा करता हूँ यह जानकारी आपको स्पष्ट है | कमेंट में अपनी राय जरूर दें |
पर्वतारोहण संस्थानों की जानकारी
अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान, मनाली, हिमाचल प्रदेश 👇🏼
https://abvimas.org/
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तरकाशी, उत्तराखंड 👇🏼
https://www.nimindia.net
हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जीलिंग, वेस्ट बंगाल 👇🏼
https://hmidarjeeling.com/
जवाहर पर्वतारोहण संस्थान, पहलगाम, जम्मू-कश्मीर 👇🏼
http://www.jawaharinstitutepahalgam.com
इस लेख के अंत में, मैं अपनी कृतज्ञता अपने गुरु जनों के प्रति ज़ाहिर कर रहा हूँ । इनके द्वारा दिए गए ज्ञान, मार्गदर्शन और आशीर्वाद से ही मैं इस मुक़ाम तक पँहुच पाया हूँ। आशा करता हूँ कि मेरे गुरुओं की कृपा मुझपर सदैव बनी रहे। मैं आभारी हूँ – परम आदरणीय कर्नल प्रेमचंद, कैप्टन रणधीर सिंह सलूरिया, श्री नानक सोनी, श्री नरबीर नेगी, श्री जगत ठाकुर, श्री लवराज सिंह धर्मसकतू, श्री लूदर सेन, श्री उमेश रैना, श्री पवन ठाकुर, श्री अनिरुद्ध चौहान, श्री प्यारेलाल, श्री नमगयाल नेगी, श्री अमर नेगी, श्री लीलाकरन नेगी, श्रीमती राधा देवी, श्रीमती डिकी डोलमा, श्रीमती डिम्पल ठाकुर, श्री तरुण मधान, श्री सोमेंदु मोरदुण्य, श्री ख़ेखराम और श्री किरण ठाकुर का, जिनका हमेशा प्यार और आशीर्वाद मुझे प्राप्त हुआ ।
वन्दे मातरम । जय हिंद ।।
#ratneshpandey #mountaineer #climbing #basicmountaineeringcourse #advancemountaineeringcourse #mountaineeringcourses #mountaineeringinstitute #mountain #training #institute #india #everest #everesttraining